श्राद्ध में किस वस्तु के दान से कौन सा फल की प्राप्ति होती हैं?
शास्त्रोें के अनुसार, पितृ पक्ष में श्राद्ध, तर्पण, पिडदान आदि कर्म से अपने पितरों को प्रसन्न किया जाता हैं। इस दौरान किये जाने वाले दान का बहुत महत्व होता हैं। ऐसा करने से कुण्डली में चल रहें पितृ दोष को खत्म किया जा सकता हैंं। इस दान में गाय, तिल, भूमि, नमक, घी आदि दान करने की शास्त्रों में वर्णन मिलता हैं। इन सभी वस्तुओं के दान से फल की प्राप्ति भी अलग-अलग होती हैं।
१.भूमि का दान- आज के दौर में यह दान बहुत ही दुलर्भ हो गया हैं। पहले के समय राजा-महराजा इस प्रक्रिया को किया करते थे। इसके स्थान पर मिट्टी के कुछ ढेले थाली में रखकर किसी ब्राह्मण को दान कर सकते हैं।
२.गाय का दान- इस दान को सभी दानों में धार्मिक दृष्टि से उत्तम माना गया हैं। और अगर इस दान को श्राद्ध पक्ष में किया जाये तो इसका फल हर सुख और धन-संपत्ति देने वाला होता हैंं।
३.नमक का दान- इस दान से पितरों को प्रसन्न किया जाता हैं। इस दान का बहुत महत्व हैं।
४.अनाज का दान- हर तरह के मनोवांछित फल देने वाला दान अनाज का दान होता हैं। इसमें गेहूं, चावल का दान उत्तम माना गया है। अगर यह अनाज न हो सके तो दूसरा अनाज भी दान किया जा सकता हैं।
५.गुड़ का दान- घर में पूर्वजों के आशीर्वाद से कलह और दरिद्रता का नाश हेतू गुड़ का दान करना चाहिए।
६.चांदी का दान- यह दान पितरों के आर्शीवाद और संतुष्टि हेतू बहुत ही प्रभावकारी माना गया हैं।
७.सोने का दान- अगर घर-परिवार में कलह हो तो सोने के दान से घर में कलह समाप्त हो जाता हैं। अगर सोने का दान करने में असर्मथ हो तो यथाशक्ति धन दान करना चाहिए।
८.वस्त्रों का दान- इस दान में नए और स्वच्छ धोती और दुपट्टा सहित दो वस्त्रों का दान करने का महत्व शास्त्रों में बताया गया हैं।
९.घी का दान- घर में शुभ और मंगलकारी के आने की मनोकामना के साथ गाय के घी से भरा पात्र दान करना चाहिए।
१०.तिल का दान- घर में आकारण संकट, विपदाओं का आना ऐसे समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए श्राद्ध पक्ष में तिल के दान का महत्व शास्त्रों में बताया गया हैं।