Kya hota hai Disha Shool, Kya Iska Hamare Jeevan par Kuchh Prabhav Padata hai?

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क्या होता है दिशा शूल, क्या इसका हमारे जीवन पर कुछ प्रभाव पड़ता है?

कैसे बनाए अपने यात्रा को सफल?
यात्रा के दौरान किन बातों का रखें ध्यान?
क्या आप अपने व्यापारिक यात्रा को सफल बनाना चाहते हैं?
क्या आप अपने यात्राओं के दौरान परेशानियों का सामना करते हैं?
Disha Shool

वैदिक ज्योतिष के हिसाब से दिशा शूल का मतलब होता है कि किसी विशेष दिन किसी विशेष दिशा में यात्रा करने से होने वाली परेशानी का आना। जब हम किसी खास कार्य के लिए जैसे किसी इंटरव्यू के लिए, विवाह कार्य के लिए, प्रोजेक्ट कार्य आदि के लिए घर से निकलते हैं और चाहते हैं कि वह कार्य किसी भी रूप में सफल हो। एवं यात्रा करने के लिए कौन सा दिन सही हो, तब दिशा शूल प्रणाली का उपयोग किया जाता है। शास्त्रों में इसका उल्लेख है।
प्राचीन समय में दिन, समय, वार और दिशाओं का बेहद महत्व हुआ करता था… आज भी इनका असर देखा जा सकता है।
बता दें कि बड़े-बुजुर्ग तिथि देख कर आने जाने की रोक टोक क्यों करते हैं। दरअसल ऐसा दिशा शूल के कारण होता है। ज्योतिष शास्त्रो के अनुसार हर दिन किसी एक दिशा की ओर दिशा शूल होता है। ‘‘परन्तु यदि एक जगह से रवाना हो कर उसी दिन गंतव्य स्थान पर पहुंच जाना तय हो तो ऐसी यात्रा में तिथि- वार नक्षत्र, दिशा-शूल, प्रतिशुक व योगनी आदि का विचार नहीं होता है।’’ साधरणता दिशा शूल का इतना विचार नहीं किया जाता परन्तु यदि व्यक्ति को महत्वपूर्ण कार्य करना है तो दिशा शूल का ज्ञान होने से व्यक्ति मार्ग में आने वाली अड़चनो से अवश्य ही बच सकता है।

दिशा शूल को आप ज्योतिष का ही हिस्सा मान सकते हैं। ये ज्योतिष शब्द ‘‘ज्योति’’ से बना है जिसका भावार्थ होता है ‘‘प्रकाश’’। इस विधा में हमें दिशाआें का महत्व, किस दिन किस दिशा में यात्रा करना फलित सिद्ध होता है एवं साथ ही अगर किसी कारणवश उक्त दिशा में यात्रा करनी भी पड़े तो उसके निवारण के कुछ आसान उपाय भी बताए जाते हैं। जिन्हें जानकर यात्रा को निर्विध्न बनाया जा सकता है।
जैसे कि यात्रा सभी लोग करते हैं। कोई व्यापार के लिए, कोई धार्मिक कार्य के लिए, कोई मांगलिक कार्य के लिए अथवा कोई किसी महत्वपूर्ण खरीददारी के लिए। कभी-कभी यात्रा सुखमय होती है, तो कभी यह कष्टमय या असफलता से भरी होती है। इस यात्रा के विषय में दिशा शूल का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। किन्हीं कारणों से दिशा शूल के दौरान उक्त दिशा की यात्रा नहीं टाली जा सकती, तो उससे बचने के उपाय किसी ज्योतिष से पूछकर करने चाहिए।
वहीं दूसरी तरफ आप स्वयं भी इसका ज्ञान अर्जित कर सकते है। परन्तू दिशा शूल को समझने से पहले आपको दस दिशाओं के विषय में ज्ञान होना आवश्यक है। आइये जानते है कि कितनी होती है दिशाऐं और किस दिन, किस दिशा में जाने से होता है नूकसान।

हम सिर्फ चार दिशाओं के बारे में जानते है। पर वास्तविक में दिशाएं दस होती हैं-

Dishayeजो निम्नवत है १-पूर्व, २-पश्चिम, ३-उत्तर, ४-दक्षिण, ५-उत्तर-पूर्व, ६-उत्तर-पश्चिम,७-दक्षिण-पूर्व,८-दक्षिण-पश्चिम,९-आकाश और १०-पाताल।
इन १० दिशाओं का वर्णन सनातन धर्म में ग्रंर्थोंं में किया गया है। यहां प्रत्येक दिशा के लिए खास देवता भी बताए गए हैं। लेकिन आज हम आपको दिशा शूल के माध्यम से दिशाओं के बारे में बताएंगे। इसकी मदद से आप कई क्षेत्रों में तरक्की हासिल कर सकेंगे, जैसे कि यदि आपके नासिका का जो स्वर चलता हो उसी तरफ का पैर आगे बढ़ाकर यात्रा शुरू करे तो परिणाम शुभ मिलता हैं।

आपातकालीन यात्रा- यदि फिर भी किसी कारन वश आपातकालीन यात्रा करनी पड़ ही जाये और दिशा शूल भी हो, तो नीचे लिखे उपाए कर के यात्रा कर सकते हैं।

सात दिन और उनके दिशा शूल एवं उनके कुछ उपाय-

Disha shook me yatra

सोमवार और शनिवार को पूर्व की दिशा, मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा, गुरूवार को दक्षिण और शुक्रवार और रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। सोमवार और गुरूवार को दक्षिण-पूर्व(आग्नेय कोण कि दिशा), रविवार और शुक्रवार को दक्षिण-पश्चिम(नेतृत्य कोण कि दिशा), मंगलवार को उत्तर पश्चिम(वावयव कोण कि दिशा) और बुध और शनि को उत्तर पूर्व(ईशान कोण कि दिशा) को शास्त्रों में वर्जित माना गया है। इसी तरह कृष्ण पक्ष की अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या को भी यात्रा का आरंभ नहीं करना चाहिए।

यदि फिर भी किसी कारण वश यात्रा करनी ही पड़ जाये और दिशा शूल भी हो, तो नीचे दिए गए उपायों का पालन करके यात्रा की जा सकती है।

जैसे की रविवार को जाना हो तो दलिया और घी का सेवन कर के निकले, सोमवार को दर्पण देख कर के, मंगलवार को गुड़ खा कर के, बुधवार को धनिया या तिल खा कर के, गुरूवार को दही खा कर के, शुक्रवार को जौं खा कर के और शनिवार को अदरक या उड़द खा कर के घर से निकले तो दिशा शूल के प्रभाव को समाप्त किया जा सकता है और आप अपनी यात्रा को सफल, सुखद और मंगलमय बना सकते है।

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