अक्सर हम किसी न किसी कारण वश से परेशानियों से घिरे हुए होते हैं। और उस समस्या से निदान हेतू कई तरह के उपायों का भी सहारा लेते हैं। परन्तु कुण्डली में चल रहे ग्रहों के प्रकोप से निदान के लिए हम अपने सामर्थ अनुसार दान-पून्य और पूजन-हवन कराते हैं। पर आज हम आपको नवग्रहों के विशेष बीज मंत्र बताने जा रहें हैं। जिसका सहारा ले कर आप ग्रहों के दोष से मुक्ति काफी हद तक पा सकते हैं। इतना ही नहीं, वे आपको सभी परेशानियों से मुक्ति भी देंगे।
ये नवग्रह के बीज मंत्र इस प्रकार से हैं:-
सूर्य- ॐ ह्रीं हौं सूर्याय नम:।।
चंद्र- ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।।
भौम- ॐ हूं श्रीं भौमाय नम:।।
बुध- ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नम:।।
गुरु- ॐ ह्रीं क्लीं हूं बृहस्पतये नम:।।
शुक्र- ॐ ह्रीं श्रीं शुक्राय नम:।।
शनि- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नम:।।
राहु- ॐ ऐं ह्रीं राहवे नम:।।
केतु- ॐ ह्रीं ऐं केतवे नम:।।