कुंडली में ये 6 दोष होते हैं बेहद गंभीर, अच्छी किस्मत पर भी लगा देते हैं बट्टा

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1.कालसर्प दोष –
 जन्म के समय ग्रहों की दशा के कारण कालसर्प दोष होता है. यदि जन्म के समय सभी ग्रह एक तरफ हो और राहु-केतु आमने-सामने हो तो कालसर्प दोष होता है. कालसर्प दोष के होने से जातक को जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है.

5.पितृ दोष –
 व्यक्ति की कुंडली के नौवें भाव में राहु, बुध या शुक्र ग्रह के होने से पितृ दोष होता है. कुंडली के दशवें भाव में गुरु के होने से वह शापित माना जाता है ऐसे में पितृ दोष होता है. जन्मपत्री में सूर्य पर शनि या राहु-केतु की दृष्टि हो तो व्यक्ति की कुंडली में पितृ ऋण की स्थिति होती है.

6.केन्द्राधिपति दोष –
 केन्द्राधिपति दोष का केंद्र भाव जातक की कुंडली का पहला, सातवां और दसंवा भाव होता है. मिथुन और कन्या राशि के जातकों की कुंडली में बृहस्पति ग्रह के चौथे, सातवें और दसवें भाव में होने से और मीन धनु राशि के पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में बुध के होने से केन्द्राधिपति दोष दोष होता है.

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