रामनवमी के दिन क्यों फहराई जाती है हनुमान पताका? जानिए इसके पीछे का रहस्य

0
580
views
Like
Like Love Haha Wow Sad Angry
2

सार

रामनवमी के दिन लोग अपने घर में हनुमान जी की ध्वजा जिसे हनुमान पताका के नाम से भी जाना जाता है का आरोहण करते हैं। इसे विजय पताका के रूप में भी देखा जाता है। 

17 अप्रैल को श्रीरामचंद्र जी के जन्मोत्सव को रामनवमी के रूप में मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार रामलला का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दोहर 12:00 बजे हुआ था। इस वर्ष रामनवमी के दिन रवि योग बन रहा है जिस कारण रामनवमी का महत्व और भी बढ़ गया है। रामनवमी के दिन भगवान राम की पूजा अर्चना के साथ साथ उनके अनन्य भक्त हनुमान जी की आराधना की जाती है। कहते हैं  रामनवमी के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों के सभी प्रकार के संकट का हरण हो जाता है। साथ ही बजरंगबली की पूजा करने से  प्रभु श्री रामचंद्र जी भी प्रसन्न हो जाते हैं। 

रामनवमी के दिन क्यों होती है हनुमान जी की पूजा

रामनवमी के दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है, क्योंकि हनुमान जी भगवान श्री राम के सबसे अनन्य भक्त हैं और हनुमान जी की पूजा करने से प्रभु श्री रामचंद्र जी भी प्रसन्न होते हैं। रामनवमी के दिन लोग अपने घर में हनुमान जी की ध्वजा जिसे हनुमान पताका के नाम से भी जाना जाता है का आरोहण करते हैं। इसे विजय पताका के रूप में भी देखा जाता है। 

हनुमान पताका का रहस्य

शास्त्रों के अनुसार कौरव-पांडव युद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के आदेशानुसार अर्जुन के रथ पर स्वयं पवन पुत्र विराजित हुए। महाभारत युद्ध के दौरान हनुमान जी अर्जुन के रथ पर मौजूद उसके झंडे पर विराजमान थे। उन्होंने अर्जुन की पग-पग पर रक्षा की थी। महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ तभी भीम और दुर्योधन के मध्य गदा युद्ध प्रारंभ हुआ। गदा युद्ध में भीम ने दुर्योधन को पराजित कर दिया। दुर्योधन को मृत अवस्था में छोड़कर सभी पांडव अपने शिविर में लौट आए। तब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को संबोधित करते हुए कहा कि हे पार्थ! सबसे पहले तुम अपने गांडीव धनुष और अक्षय तरकश को लेकर रथ से उतर जाओ।

अर्जुन ने श्रीकृष्ण के निर्देशों का पालन किया। इसके बाद  श्रीकृष्ण भी रथ से उतर गए। श्रीकृष्ण के रथ से उतरते ही अर्जुन के रथ पर झंडे में विराजित हनुमान जी भी रथ को छोड़कर उड़ गए। तभी अर्जुन का रथ जलकर भस्म हो गया।

इस दृश्य को देखकर अर्जुन ने कृष्ण से रथ को जलने का कारण पूछा। तब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि हे पार्थ! तुम्हारा रथ तो अनेक दिव्यास्त्रों के प्रभाव से पहले ही जल चुका था लेकिन तुम्हारे रथ पर मेरे और पवन पुत्र हनुमान जी के विराजमान रहने के कारण ही तुम्हारा यह रथ ठीक स्थिति में था। और हे अर्जुन जब तुम्हारा युद्ध कर्तव्य पूरा हो गया तो मैंने और हनुमान जी ने तुम्हारे रथ का त्याग कर दिया। इसलिए तुम्हारा रथ भस्म हो गया है।
इसिलिए कहा जाता है रामनवमी के दिन जिस घर में हनुमान पताका फहराई जाती है वहां पर हनुमान जी के साथ साथ श्री राम भी विराजमान होते हैं। 

रामनवमी के दिन ऐसे करें भगवान राम और हनुमान जी की पूजा

  • रामनवमी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठें। 
  • स्नान ध्यान कर नवमी तिथि की पूजा करें।  
  • इसके बाद भगवान राम की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीप जलाकर सभी देवी-देवताओं का ध्यान करें। 
  • श्री रामचंद्र जी को फूल, मिष्ठान और फल आदि का भोग लगाएं। 
  • इसके बाद भगवान श्री रामचंद्र जी की आरती करें। 
  • रामनवमी के दिन लाल वस्त्र पहनकर हनुमान जी की आराधना करें। 
  • उन्हें पंचामृत चढ़ाएं तथा बजरंग बाण या सुंदरकांड का पाठ करें। 
  • ऐसा करने से  हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और सभी प्रकार के संकट समाप्त होते हैं।

धन लाभ के लिए करें ये उपाय

राम नवमी के दिन शाम के समय एक लाल कपड़ा लें। फिर उस लाल कपड़े में 11 गोमती चक्र, 11 कौड़ी, 11 लौंग और 11 बताशे बांधकर उस कपड़े को मां लक्ष्मी और भगवान राम को अर्पित कर दें। इस दौरान एक कटोरी में जल लेकर रामरक्षा मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से आपको धन का लाभ हो सकता है।

रोग मुक्त होने के लिए

यदि आप रोग से मुक्त होना चाहते हैं, तो राम नवमी की शाम को हनुमान जी के मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से आपको रोग से मुक्ति मिल सकती है।

सुख-शांति के लिए

परिवार में सुख-शांति बनाए रखने के लिए आप राम दरबार के सामने घी या तेल का दीपक जलाएं। इस दौरान‘श्री राम जय राम जय जय राम’का 108 बार जाप करें।

विवाह में आ रही बाधाओं के लिए उपाय

अगर आपके विवाह में कोई बाधा आ रही है, तो आप रामनवमी की शाम को भगवान राम और माता सीता को हल्दी, कुमकुम और चंदन अर्पित कर सकते हैं। ऐसा करने से बाधाओं से छुटकारा मिल सकता है।

संतान प्राप्ति के लिए उपाय

संतान प्राप्ति के लिए राम नवमी के दिन आप एक नारियल लें। फिर उस नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर मां सीता को अर्पित कर दें। इस दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।

राम नवमी के दिन न करें ये काम

राम नवमी के दिन किसी भी तरह के तामसिक भोजन का सेवन भूलकर भी ना करें। अपने मन को शुद्ध रखें। अपने जीवन में कभी भी किसी को नुकसान ना पहुंचाएं। सभी के साथ प्रेम पूर्वक रहें।

अपनी जन्म पत्रिका पे जानकारी/सुझाव के लिए सम्पर्क करें।

WhatsApp no – 7699171717
Contact no – 9093366666

Like
Like Love Haha Wow Sad Angry
2

Warning: A non-numeric value encountered in /home/gyaansagar/public_html/wp-content/themes/ionMag/includes/wp_booster/td_block.php on line 1008

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here