गुरु चांडाल योग से गुजर रहे जातकों में चारित्रिक दोष आ जाते हैं. इसकी वजह से वैवाहिक जीवन में कलह होता है. जानते हैं इस गुरु चांडाल योग से बचने के उपायों के बारे में.
गुरु चांडाल योग का वैवाहिक जीवन पर प्रभाव
राहु और गुरु जब एक साथ आ जाते हैं तो गुरु चांडाल योग का निर्माण होता है. 22 अप्रैल को मेष राशि में गुरु और राहु ग्रह की युति से गुरु चांडाल योग बन रहा है. मेष राशि में यह अशुभ योग करीब 7 महीने तक रहेगा. गुरु बुद्धि, ज्ञान, धर्म के स्वामी होते हैं. अगर कुंडली में गुरु नीच हो जाए तो व्यक्ति इन सब से विपरीत कर्म करने लगता है. वहीं राहु व्यक्ति से सारे अनैतिक कार्य कराता है.
गुरु चांडाल योग का वैवाहिक जीवन पर प्रभाव
कुंडली में गुरु चांडाल योग बनता है तो राहु गुरु के अच्छे प्रभाव को समाप्त कर देता है. कुंडली में गुरु चांडाल योग जातक को हमेशा बुरे परिणाम ही देता है. खासतौर से यह योग वैवाहिक जीवन में कलह पैदा कराता है. कुंडली में गुरु चांडाल का योग व्यक्ति शादीशुदा जिंदगी उथल-पुथल हो जाती है. ऐसे लोगों के विवाह से बाहर भी संबंध बन जाते हैं. गुरु चांडाल योग से गुजर रहे जातकों में चारित्रिक दोष आ जाते हैं और इनका वैवाहिक जीवन तबाह हो जाता है. गुरु चांडाल योग से इंसान के सोचने-समझने की शक्ति कमजोर पड़ जाती है.
गुरु चांडाल योग से बचने के उपाय
कुंडली में गुरु चांडाल योग बन रहा हो तो हल्दी और केसर का तिलक अपने माथे पर लगाना चाहिए. माना जाता है कि इससे गुरु प्रबल होते हैं और राहु का प्रभाव जीवन पर कम पड़ता है. कोई भी निर्णय लें तो अपने से बड़ों के फैसलों का सम्मान करें और उनकी बातों को बहुत ध्यान से सुनें. इस दौरान कोई भी फैसला बहुत सोच-समझ कर लें और जो भी फैसला लें उस पर पूरा विश्वास रखें.
गुरु चांडाल योग हो तो नियमित रूप से भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. गले में पीला पुखराज धारण करने से भी गुरु चांडाल योग से बचाव होता है. जिनकी कुंडली में ये योग बन रहा हो उन्हें बरगद के पेड़ की जड़ में कच्चा दूध चढ़ाना चाहिए.