एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. विजया एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है. एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से सुख-समृद्धि और आशीर्वाद प्राप्त होता है. विजया एकादशी दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी भक्तिभाव पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं. आइए जानते हैं, विजया एकादशी को तारीख शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में।
विजया एकादशी शुभ मुहूर्त–
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की विजया एकादशी तिथि प्रारंभ 06 मार्च सुबह 06 बजकर 30 मिनट से शुरू होगी और एकादशी तिथि समाप्त 7 मार्च सुबह 4 बजकर 13 मिनट पर खत्म हो जाएगी. इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 41 मिनट से सुबह 09 बजकर 37 मिनट तक रहेगा. आपको बता दें कि पारण का समय 7 मार्च सुबह 6 बजकर 38 मिनट के बीच किया जाएगा।
विजया एकादशी पूजा विधि–
एकादशी का दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनने. भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें. उन्हें फल, फूल, दीपक, चंदन, तुलसी आदि अर्पित करें. भगवान विष्णु की आरती करें. इस दिन निर्जला व्रत रखें. विजया एकादशी व्रत कथा पढ़ें या सुनें. अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन और दान दक्षिणा दें।
विजया एकादशी व्रत का महत्व–
विजया एकादशी का व्रत रखने पर चंद्र ग्रह शुभ होकर अच्छे फल देने लग जाता है. यह व्रत सभी पापों का नाश करने वाला माना जाता है. इस व्रत से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और इस व्रत से सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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