बड़ी दिलचस्प है सोमनाथ मंदिर की कहानी, कई बार आक्रमण के बाद भी कायम रहा वैभव

0
165
views
Like
Like Love Haha Wow Sad Angry

सोमनाथ मंदिर की कहानी इतिहास के विभिन्न युगों में बनती रही है. इसके निर्माण का विवादित इतिहास है. मान्यता है कि मंदिर का निर्माण महाभारत काल में चंद्रभागा राज्य के राजा सोम देव द्वारा हुआ था. यहां सोम राजा ने शिवलिंग की पूजा की थी और इसे “सोमेश्वर” नाम से जाना जाता था.

सोमनाथ मंदिर गुजरात, भारत में स्थित है और यह भारतीय इतिहास का एक प्रसिद्ध मंदिर है. इसकी कहानी में अंतरराष्ट्रीय और धार्मिक महत्व है. सोमनाथ मंदिर हिंदू धर्म के एक प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यह भगवान शिव के उपास्य मंदिरों में से एक है. आज हम आपको बताएंगे सोमनाथ मंदिर का इतिहास और इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों को.

सोमनाथ मंदिर की कहानी इतिहास के विभिन्न युगों में बनती रही है. इसके निर्माण का विवादित इतिहास है. मान्यता है कि मंदिर का निर्माण महाभारत काल में चंद्रभागा राज्य के राजा सोम देव द्वारा हुआ था. यहां सोम राजा ने शिवलिंग की पूजा की थी और इसे “सोमेश्वर” नाम से जाना जाता था. धार्मिक कथाओं के अनुसार, चंद्रभागा राज्य के राजा भीमदेव ने इसे पुनः बनवाया था. इतिहास में सोमनाथ मंदिर को कई बार आक्रमण का शिकार हुआ. 11वीं सदी में गजनी नामक अफगान सैन्याधीश इमादुद्दीन ने इसे तबाह कर दिया था. 12वीं सदी में गुजरात के राजा भीमदेव II ने इसे पुनः बनवाया और इसे शिवलिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग के रूप में स्वीकार किया गया.

सोमनाथ मंदिर के निर्माण में विभिन्न शैलियों और कला का सम्मिलन होता है. यह मंदिर प्राचीन भारतीय वास्तुकला की अद्भुतता का उदाहरण माना जाता है. इसके गुंबज, भव्य स्तंभ, और विशेष शैली के अंगारे मंदिर की सुंदरता को और भी बढ़ाते हैं. सोमनाथ मंदिर आज एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जिसे हिंदू धर्म के श्रद्धालु और अन्य धर्मीय पर्यटक देखने के लिए आते हैं. मंदिर के समीप गुजरात के दूसरे पर्यटन स्थल भी हैं जैसे की सोमनाथ बीच, भालका तीर्थ, जुनागढ़ फोर्ट आदि.

सोमनाथ मंदिर के निर्माण की कथा

दिनों की एक अवधि में राजा दक्ष नामक राजा अपनी यज्ञ याग के लिए बड़े सम्पुर्ण यजमानों को आमंत्रित किया. वह अपने पुत्र प्रियंव्रत्त को इस यज्ञ की प्रमुख अग्नि कुंड में हवन करने के लिए नहीं बुलाता था क्योंकि उसकी पत्नी सती माता ने उनसे विवाहित के रूप में व्रत धारण किया था. यज्ञ के समय प्रियंव्रत्त का मन स्वयं सोमनाथ के मंदिर में ही होता था, इसलिए वह यज्ञ में नहीं शामिल होने के लिए तैयार था. एक दिन, प्रियंव्रत्त के अनजाने में सती माता ने भगवान शिव के द्वारा सोमनाथ में हो रहे महायज्ञ को देखा. उन्हें देखकर उनका मन स्वयं सोमनाथ के प्रति भक्ति और श्रद्धा से भर गया. सती माता के इच्छा से सोमनाथ ने अपने महायज्ञ का त्याग कर दिया और सती माता के सामने प्रकट हो गए. यहां पर भगवान शिव ने सती माता की अपनी स्तुति की और उन्हें आशीर्वाद दिया. यह कथा भगवान शिव और सती माता के प्रेम और भक्ति का प्रतीक है, जिससे सोमनाथ मंदिर का नाम प्रसिद्ध हुआ.

सोमनाथ मंदिर का रहस्य

गुजरात के सोमनाथ मंदिर के बारे में कई रहस्य हैं, जो इसको अद्भुत और रहस्यमय बनाते हैं. यहां कुछ प्रमुख रहस्यों का उल्लेख किया जा रहा है.

निर्माण तकनीक: सोमनाथ मंदिर के निर्माण तकनीक वैशिष्ट्यपूर्ण है. इस मंदिर का निर्माण इतने भारी और विस्तृत पत्थरों से किया गया है कि यह अद्भुत और सुरक्षित लगने वाला है. इसके अंदर रहस्यमय गुफाएं और चंदन वृक्षों के जंगल भी हैं.

नागर वास्तुशास्त्र: सोमनाथ मंदिर एक प्राचीन भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार निर्मित है. इसमें नागार्चितेक्टर का प्रभाव है, जो इसे और भी अधिक रहस्यमय बनाता है.

इतिहास: सोमनाथ मंदिर का इतिहास भारतीय इतिहास के विभिन्न युगों में समृद्ध है. इसका निर्माण और पुनर्निर्माण कई बार हुआ है, और इसे धार्मिक और राजनीतिक वादों से घिरा हुआ है.

धार्मिक महत्व: सोमनाथ मंदिर हिंदू धर्म के एक प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है. इसलिए यह धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोन से भी एक रहस्यमय स्थल है.

गुप्त रहस्य: सोमनाथ मंदिर में निहित गुप्त गुफाएं भी हैं, जो इसे और भी रहस्यमय बनाती हैं. इन गुप्त गुफाओं का इस्तेमाल पूर्व काल में तपस्वियों और संन्यासियों द्वारा किया जाता था.

सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण

सोमनाथ मंदिर पर इतिहास में कई बार आक्रमण हुआ है. इसका निर्माण कई बार हो चुका है और इसके समय समय पर यह आक्रमणों का शिकार हुआ है. जहां सबसे पहले लोकप्रिय आक्रमण महमूद गजनवी का था, जो 1024 ईसा पूर्व में हुआ था. उन्होंने सोमनाथ मंदिर को कई बार लूटा और नष्ट कर दिया. अलाउद्दीन खिलजी ने 1296 में सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किया था और उसे लूटा था. 1701 में मुगल सम्राट औरंगजेब ने सोमनाथ मंदिर को भी आक्रमण करने का प्रयास किया था, लेकिन इसे नष्ट करने में उन्हें सफलता नहीं मिली.

अपनी जन्म पत्रिका पे जानकारी/सुझाव के लिए सम्पर्क करें।

WhatsApp no – 7699171717
Contact no – 9093366666

Like
Like Love Haha Wow Sad Angry

Warning: A non-numeric value encountered in /home/gyaansagar/public_html/wp-content/themes/ionMag/includes/wp_booster/td_block.php on line 1008

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here