धार्मिक शास्त्रों के अनुसार प्रतिदिन तुलसी (tulsi) के पौधे में जल अर्पित करना और पूजन करना हमारी प्राचीन परंपरा है। जिस घर में प्रतिदिन तुलसी की पूजा होती है, वहां सुख-समृद्धि, सौभाग्य बना रहता है। धन की कभी कोई कमी महसूस नहीं होती। अत: हमें विशेष तौर पर प्रतिदिन तुलसी का पूजन अवश्य करना चाहिए। मान्यता नुसार तुलसी का पूजन करना बहुत ही पुण्य फलदायी माना जाता है तथा तुलसी पूजन के बहुत लाभ भी मिलते हैं।
तुलसी पूजन के लाभ–
1. जल में तुलसीदल (पत्ते) डालकर स्नान करना तीर्थों में स्नान कर पवित्र होने जैसा है और जो व्यक्ति ऐसा करता है वह सभी यज्ञों में बैठने का अधिकारी होता है।हिंदू मान्यताओं में तुलसी के बारे में बताया गया है कि हर घर के बाहर तुलसी का पौधा होना अनिवार्य है। इससे घर में पवित्रता बनी रहती है और नकारत्मकता दूर होती है।
2. जो व्यक्ति प्रतिदिन तुलसी का सेवन करता है, उसका शरीर अनेक चंद्रायण व्रतों के फल के समान पवित्रता प्राप्त कर लेता है।
3. हिंदू मान्यता के अनुसार तुलसी के बारे में कहा गया है कि हर घर के बाहर तुलसी का पौधा होना अनिवार्य है। इससे घर में पवित्रता बनी रहती है और नकारत्मकता दूर होती है।
4. तुलसी मंत्र और विष्णु मंत्र ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ का जाप करने से घर में पवित्रता आती है तथा सुख-समृद्धि के योग बनते हैं।
5. माना जाता है कि घर के आंगन में तुलसी का पौधा हो तो घर का कलह और अशांति दूर होती है।
6. घर-परिवार पर मां लक्ष्मी जी की विशेष कृपा बनी रहती है।
7. इतना ही नहीं प्रतिदिन दही के साथ चीनी और तुलसी के पत्तों का सेवन करना बहुत शुभ माना जाता है
8. पौराणिक शास्त्रों के अनुसार तुलसी के पत्तों के सेवन से भी देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
9. तुलसी वास्तु दोष भी दूर करने में सक्षम है। अगर सही दिशा में तुलसी लगी हो तो उसके कई सारे लाभ वहां रहने वालों को मिलते हैं।
10. दही के साथ तुलसी का सेवन करने से कई प्रकार के आयुर्वेदिक लाभ भी प्राप्त होते हैं। इसके सेवन से दिन भर कार्य में मन लगा रहता है, तनाव दूर होता है और शरीर ऊर्जावान बना रहता है।
तुलसी पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना झेलना पड़ सकता है नुकसान–
1.सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दौरान तुलसी के पौधे को स्पर्श ना करें. ना ही इस दौरान जल चढ़ाएं, ना पूजा करें. भोजन-पानी में डालने के लिए तुलसी के पत्ते सूतक काल लगने से पहले ही तोड़कर रख लें.
2.बिना नहाए तुलसी में ना तो जल डालें और ना ही तुलसी के पौधे को छुएं. गंदे हाथ से या जूते-चप्पल पहनकर तुलसी के पौधे को छूना पाप का भागीदार बनाता है.
3. तुलसी के पौधे के पत्तों को बेवजह तोड़कर ना रखें. ऐसा करने से दुर्भाग्य आता है. जितने पत्तों की जरूरत है उतना ही तोड़ें
4.तुलसी के पौधे में जल चढ़ाते समय उसके मंत्र ‘महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी। आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।’ का उच्चारण जरूर करें. इससे पूजा का पूरा फल मिलता है.
5. तुलसी की पूजा करते समय महिलाएं अपने बाल खुले ना रखें.
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