तीन किलोमीटर दूर से दिखाई देता है नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, जानें इससे जुड़े रोचक तथ्य

0
43
views
Like
Like Love Haha Wow Sad Angry

समूचे भारत में भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों में से 10वां ज्योतिर्लिंग नागेश्वर ज्योतिर्लिंग माना जाता है. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का इतिहास बहुत पुराना है. यह ज्योतिर्लिंग भारत के गुजरात राज्य में द्वारकापुरी से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. द्वारकापुरी में नागेश्वर ज्योतिर्लिंग परिसर में भगवान शिव की एक बहुत बड़ी ध्यान मुद्रा में विशाल प्रतिमा बनाई गई है. जिसकी वजह से यह मंदिर 3 किलोमीटर दूर से ही दिखाई देने लगता है. भगवान भोलेनाथ की मूर्ति करीब 80 फीट ऊंची और 25 फीट चौड़ी है इस मंदिर का मुख्य द्वार अत्यंत साधारण और सुंदर बनाया गया है.

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का महत्व व इतिहास

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग को भगवान शिव के 10 ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है. मान्यताओं के अनुसार नागेश्वर का मतलब नागों का ईश्वर या नागों का देवता वासुकी है जो भगवान शिव के गले में माला के रूप में रहता है. मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में दर्शन करने मात्र से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है. हिंदू धार्मिक पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से सभी प्रकार के पापों से भी मुक्ति प्राप्त की जा सकती है. ऐसा माना जाता है कि यह प्राचीन और प्रमुख मंदिर केवल भगवान शिव को समर्पित किया गया है. यहां पर शिवजी की श्रद्धा पूर्वक पूजा नागेश्वर के रूप में की जाती है.

धार्मिक मान्यताएं

हिंदू धार्मिक मान्यताओं की माने तो यह मंदिर भगवान शिव को नागों के देवता के रूप में जाना गया है. नागेश्वर का अर्थ होता है नागों का ईश्वर पुरानी धार्मिक कथाओं में ज्योतिर्लिंग के दर्शन की बड़ी महिमा बताई गई है. ये मंदिर सुबह 5:00 बजे आरती के साथ ही खुल जाता है लेकिन यहां भक्तों को प्रवेश सुबह 6:00 बजे मिलता है. इस मंदिर में पुजारियों द्वारा कई अलग-अलग विधियों से भगवान शिव की श्रद्धा पूर्वक पूजा और अभिषेक किया जाता है. ये मंदिर सावन के महीने में इसके अलावा भगवान शिव के त्योहारों पर विशेष अवसरों पर काफी अधिक समय तक खुला रहता है.

निर्माण कार्य

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का इतिहास अत्यंत पुराना और पौराणिक माना जाता है. भगवान शिव के इस दसवें ज्योतिर्लिंग का निर्माण अत्यंत अद्भुत और सौंदर्यीकरण विधि से हुआ है. नागेश्वर मंदिर के मुख्य गर्भ ग्रह में निचले स्तर पर भगवान शिव के एक ज्योतिर्लिंग को स्थापित किया गया है. इस ज्योतिर्लिंग के ऊपर चांदी का एक बड़ा सा नाग बनाया गया है. इस ज्योतिर्लिंग के पीछे ही माता पार्वती की प्रतिमा भी स्थापित की गई है. इस ज्योतिर्लिंग के मंदिर को भी अत्यंत अद्भुत तरीके से बनाया गया है. मान्यताओं के अनुसार जिन श्रद्धालुओं को इस ज्योतिर्लिंग का अभिषेक करना होता है वह यहां के पुजारियों से अनुरोध करके सफेद वस्त्र पहनकर अभिषेक कर सकते हैं.

अपनी जन्म पत्रिका पे जानकारी/सुझाव के लिए सम्पर्क करें।

WhatsApp no – 7699171717
Contact no – 9093366666

Like
Like Love Haha Wow Sad Angry

Warning: A non-numeric value encountered in /home/gyaansagar/public_html/wp-content/themes/ionMag/includes/wp_booster/td_block.php on line 1008

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here