ओंकारेश्वर धाम में रोज शयन के लिए आते हैं शिव-पार्वती, जानें क्या है रहस्य

0
51
views
Like
Like Love Haha Wow Sad Angry

पृथ्वी पर ओंकारेश्वर ऐसा ज्योतिर्लिंग है जहां रात्रि में शिव-पार्वती शयन के लिए आते हैं. आइए जानते हैं इस दिव्य ज्योतिर्लिंग का महत्व, कथा और रोचक बातें

 सावन का महीना शिव को समर्पित है. शिव का आशीर्वाद पाने के लिए इस महीने में कई लोग 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने जाते हैं. 12 ज्योतिर्लिंग वह बारह मंदिर हैं जहां शिव जी ज्योति स्वरूप में विराजमान हैं यानी बारह ज्योतिर्लिंग स्वंयभू माने जाते हैं.

इन्हीं में से एक ही ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश स्थित ओंकारेश्वर को द्वादश ज्योतिर्लिंग में चौथा स्थान प्राप्त है. आइए जानते हैं इस दिव्य ज्योतिर्लिंग की पूजा का धार्मिक महत्व और लाभ.

कैसे पड़ा नाम ओंकारेश्वर ?

मध्य प्रदेश के इंदौर से करीब 80 किमी दूर नर्मदा नदी के किनारे एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग. पहाड़ी के चारों ओर नर्मदा नदी बहती है. ये ज्योतिर्लिंग औंकार यानी की ओम का आकार लिए हुए है. इसी वजह से इस ज्योतिर्लिंग को ओंकारेश्वर नाम से पुकारा जाता है. शिव पुराण में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग को परमेश्वर लिंग के नाम से भी जाना जाता है.

यहां रात्रि में सोने आते हैं शिव-पार्वती

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग को लेकर धार्मिक मान्यता है कि बाबा भोलेनाथ यहां रात्रि में शयन के लिए आते हैं. कहते हैं पृथ्वी पर ये एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां शिव-पार्वती रोज चौसर पांसे खेलते हैं. रात्रि में शयन आरती के बाद यहां प्रतिदिन चौपड़ बिछाए जाते हैं और गर्भग्रह बंद कर दिया जाता है. अगली सुबह ये पासें बिखरे हुए मिलते हैं. आश्चर्य की बात है कि जिस मंदिर के भीतर रात के समय परिंदा भी पर नहीं मार पाता है वहां हर दिन चौपड़ बिखरे पाए जाते हैं.

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की कथा

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कथा के अनुसार यहां राजा मांधाता ने इसी पर्वत पर कठोर तपस्या कर भोलेनाथ को प्रसन्न किया था. परिणाम स्वरूप राजा मंधाता के कहने पर भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में यहां विराजमान हो गए. तब से ये पर्वत मंधाता पर्वत कहलाने लगा. कुबेर देव ने भी यहां शिव को अपनी तपस्या से प्रसन्न किया था।

अपनी जन्म पत्रिका पे जानकारी/सुझाव के लिए सम्पर्क करे ।

WhatsApp no – 7699171717
Contact no – 9093366666

Like
Like Love Haha Wow Sad Angry

Warning: A non-numeric value encountered in /home/gyaansagar/public_html/wp-content/themes/ionMag/includes/wp_booster/td_block.php on line 1008

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here