कुंडली में विष योग कैसे बनता है

0
87
views
Like
Like Love Haha Wow Sad Angry

ज्योतिष शास्त्र में शनि और चंद्रमा को विशेष ग्रह माना जाता है जहां न्याय के देवता शनि ढाई साल में राशि बदलते हैं, चंद्रमा को राशि बदलने में सवा दो दिन का समय लगता है जब कुंडली में शनि (Shani) और चंद्रमा (Moon) की युक्ति बनती है, तो विष योग बनता है. जब शनि और चंद्रमा एक दूसरे के साथ गोचर करते हैं, तो इस अशुभ योग का प्रभाव बहुत बढ़ जाता है विष योग के प्रभाव से जातक का जीवन नरक के समान हो जाता है।

विष योग के नुकसान

जन्म कुंडली में विष योग के प्रभाव से जातक के जीवन में आर्थिक, करियर और स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं आती है जीवन में तनाव और चिंता हमेशा बनी रहती है आपसी संबंधों में खटास आता है वैवाहिक संबंध टूट सकता है घर परिवार की शांति गायब हो जाती है मनुष्य पाप कर्म और गलत कर्म में लग जाता है कुल मिलाकर विष योग के प्रभाव से जातक पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है।

विष योग से बचने के उपाय

  • विष योग से पीड़ित जातकों को शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए और मंगलवार एवं शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  • सोमवार और शनिवार के दिन प्रातः काल महादेव और शनि की विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए. पूजा के साथ ही शिव चालीसा का जाप करना उत्तम होता है।
  • नारियल को अपने सिर के चारों ओर 7 बार घुमाकर पीपल वृक्ष के नीचे फोड़ना चाहिए उसे प्रसाद के रूप में वहीं पर सभी को बांट दें।
  • हर शनिवार के दिन सुबह और शाम शनि मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
Like
Like Love Haha Wow Sad Angry

Warning: A non-numeric value encountered in /home/gyaansagar/public_html/wp-content/themes/ionMag/includes/wp_booster/td_block.php on line 1008

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here